इस साल पंचायत चुनाव ना होने पर कांग्रेस का हमला, कहा-BJP के मुंह में खून

प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल अगले महीने 27 नवंबर को खत्म हो रहा है। लेकिन इस साल प्रदेश में पंचायत चुनाव नहीं होंगे। पंचायत राज विभाग की मानें तो ना तो पंचायतों का कार्यकाल बढ़ेगा और ना ही अभी पंचायत चुनाव हो सकते हैं। मुख्यमंत्री की तरफ से भी इस बारे में पंचायत राज विभाग से रिपोर्ट मांगी गई थी। जिसे पंचायती राज विभाग ने मुख्यमंत्री को सौंप दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस साल पंचायत चुनाव नहीं होंगे। कांग्रेस इस साल पंचायत चुनाव ना होने पर सरकार पर हमलावर हो गई है।

पंचायती राज विभाग की तरफ से शासन को रिपोर्ट भेजने के साथ ही इस साल प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव न करने की बात भी कही गई है। पंचायती राज विभाग की रिपोर्ट सरकार को मिलने के बाद स्पष्ट हो चुका है कि इस साल प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं होंगे बल्कि पंचायत भी पर शासकों के भरोसे चलेगी।

आपको बता दें कि चमोली, चंपावत, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले में कुछ जगहों पर नए सिरे से परिसीमन होना है इसलिए उसमें देरी की संभावना है। साथी मतदाता सूची में भी परिवर्तन किया जाना है। जो जनवरी महीने से पहले संभव नहीं है। ऐसे में अगले साल फरवरी मार्च के समय ही पंचायत चुनाव हो सकते है। पंचायत प्रतिनिधि लगातार सरकार से पंचायत का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे हैं जबकि पंचायती राज विभाग एक्ट में कहीं पर भी कार्यकाल बढ़ाने का उल्लेख नहीं है।

पंचायत चुनाव में लगातार देरी को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि बीजेपी पहले कह रही थी कि हम तैयार बैठे हैं और हम उम्मीद भी कर रहे थे कि पंचायत चुनाव कार्यकाल समाप्त होने के तुरंत बाद होंगे।

माहरा ने कहा कि बीजेपी के मुंह में खून लग चुका है। उन्होंने कहा कि कार्यकारी एसडीएम इत्यादि लोगों को प्रबंधक के तौर पर वहां बैठाया जाता है और उनके द्वारा अपनो को रेवड़िया बांटी जाती हैं। हमें पहले ही लगता था कि प्रशासक बैठाकर उल्टे काम करवाएंगे और कार्यकर्ताओं की जेबें भरी जाएंगी।

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