पलायन को रोकने के लिए धामी सरकार ने बनाया ये प्लान, इस योजना से युवाओं को जोड़ने की हो रही तैयारी

उत्तराखंड सरकार ट्रैकिंग रूट से जुड़े गांवों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे को बढ़ावा दे रही है. इन होम स्टे के जरिए युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है. धामी सरकार होम स्टे के निर्माण को अनुदान की सुविधा दे रही है. इस योजना के जरिए गांव से पलायन को रोकने पर फोकस किया जा रहा है।

बता दें ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना पर्यटन क्षेत्र में स्थानीय भागीदारी के महत्व पर जोर देती है. पहचाने गए ट्रेकिंग केंद्रों के दो किलोमीटर के दायरे में ग्रामीणों को वित्तीय सहायता प्रदान करके, सरकार का उद्देश्य होम स्टे के निर्माण और सुधार को प्रोत्साहित करना है. यह पहल पर्यटन और स्थानीय समुदायों के बीच एक सहजीवी संबंध बनाने में महत्वपूर्ण है.

इस योजना के तहत, राज्य सरकार विभिन्न उद्देश्यों के लिए वित्तीय अनुदान आवंटित करती है. ग्रामीणों को नए भवनों के निर्माण के लिए प्रति कमरा 60 हजार रुपए तक मिल सकते हैं, जिसमें शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाएं शामिल हैं. जिन लोगों के पास पहले से ही बने हुए कमरे हैं, उन्हें सरकार पर्यटकों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इन स्थानों को सुसज्जित करने के लिए 25 हजार रुपए प्रदान देती है.

यह न केवल पर्यटकों के लिए सेवा और सुरक्षा के मानकों को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि सरकार को इस उभरते क्षेत्र के विकास की निगरानी और समर्थन करने की भी अनुमति देता है. होम स्टे को औपचारिक रूप देकर, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि पर्यटन का अनुभव उत्तराखण्ड के मूल्यों के अनुरूप हो और साथ ही स्थानीय परिवारों के लिए महत्वपूर्ण राजस्व भी प्रदान करे.

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