उत्तरकाशी में खाने को दूषित करने का मामला, हिंदू संगठनों ने किया हंगामा, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार


उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला एक बार भी चर्चाओं में है. हिंदू संगठनों ने एक बार फिर से शहर में विरोध प्रदर्शन किया है. आरोप है कि शहर के एक रेस्टोरेंट में खाने को दूषित किया गया है, जिसको लेकर हिंदू संगठन से जुड़े युवाओं ने बाजार में दुकानें बंद कराई और प्रदर्शन किया. खाने के दूषित करने का वीडियो भी सामने आया है, जिसके बाद इस मामले पर और ज्यादा हंगामा हो गया.

उत्तरकाशी का जो वीडियो सामने आया है, उसमें युवक तंदूरी रोटी में गंदगी फैला रहा है. वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने भी मामले का संज्ञान लिया और खाने को दूषित करने वाले युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

वहीं आज गुरुवार 16 अक्टूबर को हिंदू संगठन से जुड़े युवाओं ने इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय में मंडी व समस्त दुकानें बंद करवाई. साथ ही खाने को दूषित करने वाले युवक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की.

हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि देवभूमि ने इस तरह की हरकत किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने इस तरह की घटनाओं की निंदा की है. वहीं इस पूरे मामले पर उत्तरकाशी की एसपी सरिता डोभाल ने कहा कि मामले को लेकर आरोपी को गिरफ्तार कर दिया है. आरोपी के खिलाफ 63/2025 धारा 196 (1) (B) और 274 BNS की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है.

बता दें कि बीते साल 2024 अक्टूबर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खाने-पीने की वस्तुओं की दूषित करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इस तरह के मामलों को लेकर सीएम धामी के निर्देश पर उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय की तरफ से दिशा-निर्देश भी जारी किए गए थे.

अक्टूबर साल 2024 में उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय की तरफ से जो आदेश जारी हुआ था, उसमें साफ किया गया है कि हाल ही में सोशल मीडिया पर होटल और ढाबा जैसे व्यवसायिक संस्थानों में खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं के वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह मामला आते ही, उनके निर्देशानुसार पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और समस्त जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि वे होटल/ढाबा एवं अन्य व्यवसायिक संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों का शत-प्रतिशत सत्यापन सुनिश्चित करें. साथ ही इन संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने पर जोर दिया जाए. खुले स्थानों पर चल रहे खाद्य कारोबारियों पर विशेष ध्यान देने के लिए स्थानीय अभिसूचना इकाई की सहायता ली जाए.

इस दिशा में पहली कार्रवाई मसूरी क्षेत्र में की गई, जहां अभियुक्तों के खिलाफ नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की गई. इसके साथ ही स्वास्थ्य एवं खाद्य विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए रैंडम चेकिंग की जाएगी. इन अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उत्तराखण्ड पुलिस एक्ट की धारा 274 BNS और उत्तराखंड पुलिस एक्ट की धारा 81 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया जाएगा.

उन्होंने आदेश दिए कि यदि इस प्रकार की घटनाओं से धार्मिक, मूलवंशीय या भाषायी भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, तो धारा 196 (1) (बी) अथवा 299 के अंतर्गत भी सख्त कार्रवाई की जाए.

पुलिस महानिदेशक ने कहा था कि स्वास्थ्य और खाद्य विभाग, नगर निगम, जिला पंचायत और स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि इस प्रकार की घटनाओं को पूरी तरह से रोका जा सके.








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